📅 1 सितंबर 2025 | Desh Duniya Khabar
समारोह स्थल पर दिखा साफ़ संदेश
देहरादून आधारित पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में चीन में आयोजित Shanghai Cooperation Organisation (SCO) सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर वर्तमान दौर में बेहतर संबंधों की पहल की पुष्टि की। मोदी ने कहा कि दोनों देशों को “प्रतिभागी नहीं, बल्कि सहयोगी” के रूप में देखना चाहिए — एक स्पष्ट संकेत कि अब भारत चीन के साथ आर्थिक और रणनीतिक तालमेल बनाना चाहता है।
मुख्य मुद्दों पर बातचीत
- **व्यापार घाटा घटाने पर जोर:** मोदी ने चीन के साथ व्यापार संतुलन बनाने की बात कही, विशेष रूप से व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए।
- **सीमा तनाव पर नियंत्रण:** पश्चिमी हिमालय में शांति बनाए रखने और सीमा पर तनाव कम करने को प्राथमिकता दी गई।
- **सीधी एयर कनेक्टिविटी:** दोनों देशों में धार्मिक यात्राओं और पर्यटन को सुगम बनाने के लिए सीधे हवाई मार्गों के पुनः शुरू होने पर चर्चा हुई।
कूटनीतिक रणनीति पर व्यू पॉइंट
विश्लेषकों के अनुसार, यह एक **स्व-निर्मित रणनीति** की दिशा है जिसमें भारत ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह किसी तीसरे देश के प्रभाव में नहीं आएगा। U.S. की बढ़ती नीतिगत भूमिका के बीच यह एक दृढ़ अभिव्यक्ति थी।
क्या यह दांव कामयाब रहेगा?
वित्तीय और राजनीतिक विशेषज्ञ यह मानते हैं कि यह कदम तत्काल प्रतिक्रियाओं में आशा ज़रूर जगाता है, लेकिन व्यापार असंतुलन, सीमा विवाद, और रणनीतिक अविश्वास को दूर करने की प्रक्रिया अभी लंबी है। लेकिन, दोनों नेता अपनी साझा शक्ति दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, और भले ही यह केवल एक शुरुआत हो, पर इसमें गहराई है।
निष्कर्ष
India–China संबंधों में यह आत्मविश्वास भरी पहल सिर्फ कूटनीति की नहीं— यह राजनीतिक और आर्थिक रणनीति की अगली मंजिल है। Discover पाठकों को यह समझाने में मदद करती है कि यह कदम भारत की वैश्विक पहचान में कितना अहम हो सकता है।